Wednesday 5 March 2014

सुरजने की सब्ज़ी




सुरजने की फली  को  मराठी में "शेंगणयाचा शेंगा" और अंग्रेजी में ड्रमस्टिक्स ( DRUMSTICKS) कहाँ जाता है। सुरजने की फली का सबसे कॉमन यूज़ सांभर में होता है।  अमूमन पूरे साल मिलने वाली ये सब्ज़ी लज़ीज़ भी होती है और न्यूट्रीशन  के लिहाज़ से भी बेहद समृद्ध होती है। इसमें मैगनीज़, मेग्नीशियम , फास्फोरस , पोटेशियम और केल्शियम जैसे एसेंशियल माइक्रो -न्यूट्रिएंट्स भरपूर है इसके अलावा इसमें प्रोटीन और कार्ब भी होता है।  सुरजने की  फली को चूस कर खाया जाता है और इसको खाने में जो 'ट्यूबलर इफ़ेक्ट' आता है वो इस सब्ज़ी का USP है।  


सामग्री ( 4 व्यक्तियों के लिए ) 

सुरजने की फली - 400 ग्राम
बड़े आकार के टमाटर - 2 ( प्युरे किये हुए )
बड़े आकार के प्याज़  - 2 ( पेस्ट)
अदरक - २ छोटे टुकड़े ( पेस्ट)
लहसुन - 6 या 7 कलियाँ ( पेस्ट )
हरी मिर्च - 3 ( पेस्ट)
रोस्टेड मूंगफली के दाने ( क्रश किये हुए ) - 1/4 कटोरी
साबुत लाल मिर्च - 2
गरम मसाला - 2 टीस्पून
लाल मिर्च , हल्दी , जीरा , राइ , हींग, नमक

बनाने का तरीका 

सुरजने के फली को छोटे आकार के बराबर टुकड़ो में काट लें। अब इन टुकड़ो को कुकर में एक सीटी लेकर पका ले।  ध्यान रहे फली को इतना नहीं पकाना है कि वो टूटने लगे।

कढ़ाई में तेल लेकर उसमे राइ, जीरा, हींग और साबुत मिर्च का  का तड़का लगाएं।  फिर उसमे प्याज़ , अदरक , हरी मिर्च  और लहसुन का पेस्ट  डालकर धीमी आंच पर सुनहरा होने तक पकाएं।  इसके बाद नमक , हल्दी , लालमिर्च ,गरम मसाला डालकर 1 मिनट पकाएं फिर टोमेटो प्युरे डालकर धीमी आंच पर लगभग 5 से 7 मिनट पकाए।  जब तेल ऊपर तैरता नज़र आये तब उसमे उबली हुई सुरजने की फली डालकर और 2 मिनट पकाए।  फिर उसमे 150 ML गरम पानी मिलकर उबलने तक पकाए।  सुरजने की सब्ज़ी तैयार है।

इससे वैसे तो रोटी/परांठा के साथ नॉर्मल सब्ज़ी के जैसे भी खाया जा सकता है लेकिन इसका अलसी मज़ा है गरम चावल के साथ।  सब्ज़ी के सालन के साथ चावल खाया जाए और बीच बीच में सुरजने के 'ट्यूबलर इफ़ेक्ट' का आनन्द लिया जाए।  

( सुरजने की फली के बारे में सम्पूर्ण ज्ञान इस लिंक पे उपलब्ध है  http://en.wikipedia.org/wiki/Moringa_oleifera ) 




1 comment:

  1. सुरजने की फली को इस्तेमाल करने के पहले उसके कोने काट कर ... कड़वी तो नहीं है ... यह चखना .... साथ ही काटने से पहले फली को ऊपर से हल्का-हल्का छीलना भी जरुरी है .... वरना सब्जी कड़वी बनेगी और आपके पैसे, तेल-मसाला-गैस और मेहनत तो बेकार जाएगी ही ... भूखे रहने के साथ-साथ ... शर्मिंदगी भी उठानी पड़ेगी.

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